CONSIDERATIONS TO KNOW ABOUT SIDH KUNJIKA

Considerations To Know About sidh kunjika

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दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि

श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तर शतनामावलिः

पाठमात्रेण संसिद्ध्येत् कुञ्जिकास्तोत्रमुत्तमम् ॥ ४ ॥

श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तरशत नाम्स्तोत्रम्

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति दशमोऽध्यायः

क्लींकारी काल-रूपिण्यै, बीजरूपे नमोऽस्तु ते।।

देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नामावलि

न कवचं नार्गला-स्तोत्रं, कीलकं न रहस्यकम्।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वितीयोऽध्यायः

श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि

श्री मनसा देवी स्तोत्रम् (महेंद्र कृतम्)

ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा।।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति नवमोऽध्यायः

ग्रहों के अशुभ प्रभाव खत्म हो जाते हैं. धन लाभ, विद्या अर्जन, शत्रु पर विजय, नौकरी here में पदोन्नति, अच्छी सेहत, कर्ज से मुक्ति, यश-बल में बढ़ोत्तरी की इच्छा पूर्ण होती है.

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